हिंदी गद्यांश महत्वपूर्ण क्विज 05 – Exam Test Hub
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: हँसी भीतरी आनंद का बाहरी चिह्न है। जीवन की सबसे प्यारी और उत्तम से उत्तम वस्तु एक बार हँस लेना तथा शरीर को अच्छा रखने की अच्छी से अच्छी दवा एक बार खिलखिला उठना है। पुराने लोग कह गए हैं कि हँसो और पेट फुलाओ। हँसी कितने ही कला-कौशलों से भली है। जितना ही अधिक आनंद से हँसोगे उतनी ही आयु बढ़ेगी। एक यूनानी विद्वान कहता है कि सदा अपने कम पर झींखने वाला हेरीक्लेस बहुत कम जिया, पर प्रसन्न मन डेमाक्रीटस 109 वर्ष तक जिया। हँसी-खुशी ही का नाम जीवन है। जो रोते हैं, उनका जीवन व्यर्थ है। कवि कहता है 'जिंदगी जिंदादिली का नाम है, मुर्दादिल खाक जिया करते हैं।' मनुष्य के शरीर के वर्णन पर एक विलायती विद्वान ने एक पुस्तक लिखी है। उसमें वह कहता है कि उत्तम सुअवसर की हँसी उदास से उदास मनुष्य के चित्त को प्रफुल्लित कर देती है। आनंद एक ऐसा प्रबल इंजन है कि उससे शोक और दुःख की दीवारों को ढहा सकते हैं। प्राण-रक्षा के लिए सदा देशों में उत्तम से उत्तम उपाय मनुष्य के चित्त को प्रसन्न रखना है। सुयोग्य वैद्य अपने रोगी के कानों में आनंदरूपी मंत्र सुनाता है। 1.एक उपयुक्त शीर्षक दीजिए।
Correct!
Wrong!
2. 'हँसी भीतरी आनंद का बाहरी चिह्न है' आशय स्पष्ट कीजिए।
Correct!
Wrong!
3. आनंद को प्रबल इंजन क्यों कहा गया है?
Correct!
Wrong!
4. 'प्रफुल्लित' शब्द में कौन-सा उपसर्ग है?
Correct!
Wrong!
5. सुयोग्य वैद्य रोगी के लिए क्या करता है?
Correct!
Wrong!
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